कैसा शिक़वा किया मित्र - Best Dosti Gazal , Dosti Sher shayari by- khudkikalam
कैसा शिक़वा किया मित्र की , दोस्ती को बदनाम कर गए । एक वो कृष्ण-सुदामा देखो , दोस्ती का जाहां में नाम कर गए ।। ओर द…
कैसा शिक़वा किया मित्र की , दोस्ती को बदनाम कर गए । एक वो कृष्ण-सुदामा देखो , दोस्ती का जाहां में नाम कर गए ।। ओर द…
मिजाज भले रंगीन रखता था ! एहतियाज ए -जिस्मानी नहीं !! mizaj bhale rangin rakhta tha , aehtiyaz e-jismani nahi !! best…
समझने वाला इसारो में समझ जाता है ! नासमझ पर इजहार भी बे-असर दिखता है !! samjhne wala esharon me samjh jata hai ! …