कैसे बताऊ की में केसा हूँ ! Best hindi sahitya kavita ,Hindi Poems | Hindi Poetry | प्यार भरी कविता हिंदी - खुद की कलम से


कैसे बताऊ, की में केसा हूँ  ! Best hindi sahitya kavita ! प्यार पर हिंदी कविता

कैसे बताऊ, की में केसा हूँ  ! Best hindi sahitya kavita ! प्यार पर हिंदी कविता



कैसे बताऊ, की में केसा हूँ  !

बिन तेरे कुछ ऐसा हूँ !!


 जैसे बिन बाती दीपक आधा हो ,

 बिन कृष्ण के कोई राधा हो !

 हो थोडे में बहुत ज्यादा ,

जैसे बीन राजा के शहजादा हो !


हाँ कुछ ऐसा  ही ,,


जैसे पूजा की समिधा हो ,

सस्त्र - शास्त्र की विधा  हो !

हो सब्दो की अभिधा ,

जैसे कान्हा ने उठाई वसुधा हो !!


कैसे बताऊ, की में केसा हूँ  !

बिन तेरे कुछ ऐसा हूँ !!


जैसे नदी बिन झरना हो ,

बिन मोत के मरना हो !

हो बिना भय  के डरना ,

जैसे बिन बताये कुछ करना हो !!


हाँ , कुछ ऐसा ही  !!


जैसे बिन मोती माला हो,

बिन आला के कोई मधुशाला हो !!

हो वीरान जंगल की  ज्वाला ,

जैसे नन्ही सी कोई बाला हो !!


कैसे बताऊ, की में केसा हूँ  !

बिन तेरे कुछ ऐसा हूँ !!



जैसे बिन घाव मलहम हो ,

बिन लफ्ज  खुद की कलम हो !

हो धरती अंबर का संगम ,

जैसे बिन किये कोई जुल्म हो !!


हाँ , कुछ ऐसा ही  !!


जैसे सुदामा कोई मित  हो ,

बिन ताल मृदंग के गीत हो !

हो रुक्मणि की प्रति ,

जैसे पुरानी कोई रीत हो ,


कैसे बताऊ, की में केसा हूँ  !

बिन तेरे कुछ ऐसा हूँ !!


जैसे बिन गुरु ज्ञान  हो 

बिन वेदो के कोई  विद्वान् हो !

हो मुझ सा गुमनाम  ,

जैसे खुद की कलम का नाम  हो !!



कैसे बताऊ, की में केसा हूँ  !

हाँ , कुछ ऐसा ही  !!

बिन तेरे कुछ ऐसा हूँ !




हिंदी कविता इन हिंदी , सुंदर कविता हिंदी में , प्रेम कविता हिंदी में , हिंदी कविता की पंक्तियां


Poem In Hindi Kavita, प्रेम पर कविता , प्यार पर बेहतरीन कविता , Love Poems in Hindi ,प्यार भरी कविता हिंदी

Post a Comment

अपनी टिप्पणी यहां दर्ज करे ! धन्यवाद सौजन्य से - खुद की कलम

Previous Post Next Post